The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
चाय वाले को बनाया sidh kunjika पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।